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#कुछ मुद्दों पर हर देश के प्रमुख को जूझना होता है ...
बेरोजगारी , महंगाई , विकास यह सब स्थूल शब्द है।
इस मुद्दे पर ओबामा भी लड़ते है और पुतिन भी।
फिर भारत तो 130 करोड़ का एक विशाल राष्ट्र है
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#पिछले 30 वर्षो को देखें तो आर्थिक विकास का स्वर्ण युग था, वाजपेयी जी का काल।
8 % विकास दर थी ,
6 करोड़ लोग स्वर्णिम चतुर्भुज योजना , प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना , साफ्टवेयर में रोजगार पाये।
लेकिन चुनाव वाजपेयी जी हार गये ,
#क्योंकि वह छवि नहीं बना पाये जिसके लिये जाने जाते थे।
विमान अपरहण में अमृतसर में विमान को न रोक पाना।
संसद पर हमले के बाद ,
सेना पूरी तरह तैयार थी पाकिस्तान पर हमले के लिये, लेकिन 9 महीने सीमा पर सेना खड़ी रही , हमले का आदेश नहीं हुआ।
#कारगिल युद्ध में पाकिस्तान स्वीकार कर लिया हमारे सैनिक है।
फिर भी सरकार कहती रही सेना सीमा पार नहीं करेगी।
न ही विमान सीमा उलंघन करेंगें।
#एक कमजोर राष्ट्र भी उतना कर सकता है जितना भारत ने किया।
इससे सेना को दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ा।
#इसके पीछे कारण था ,
वाजपेयी जी की बृजेश मिश्रा, कुलकर्णी जैसे नौकरशाहों पर निर्भरता।

#इससे एक संदेश गया कि राष्ट्र के स्वाभिमान कि रक्षा इनके द्वारा नहीं हो सकती।

#मोदी की आलोचना आपऔर किसी भी बात पर कर सकते है।
लेकिन उन्होंने भारत के स्वाभिमान को बनाये रखा।
कश्मीर में हुये हमले में जिसमें 40 जवान शहीद हो गये। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा उलंघन किया और पाकिस्तान के अंदर घुसकर हवाई हमले किये। #जिससे उनकी सत्ता में निरंतरता बनी रही।

यही तथ्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बढ़त देता है।
आजम खान , मुख्यमंत्री जैसी क्षमता रखते थे।
मुलायम हो या अखिलेश उनको पूरी छूट दे रखी थी।
एक मंत्री जिसके पास कोई अतिरिक्त कमाई नहीं है।
वह गरीब जनता की 300 एकड़ जमीन हड़प लेता है और विश्वविद्यालय खोल देता है।
पुरी व्यवस्था मौन रहती है।

#अतीक अहमद , विधायक राजू पाल को मारता है।
पूरा शहर जल रहा है,
इसे पता चलता है कि राजू पाल जीवित है तो फिर से लाश पर गोली चलवाता है।

#मुख्तार_अंसारी , विधायक कृष्णानंद की हत्या करावाया
पूरा पूर्वांचल जानता है।
फिर भी मंत्री बना ,
सांसद बना।
यह चार जिलों का नबाब बना बैठा था।

#कोई छू सकता था ऐसे लोगों को ?
छूना तो अलग है ,
इनकी सात पीढ़ियां याद रखेंगीं जो दुर्दशा बाबा ने की है।

#.किसी को डेंगू हुआ है,
किसी को कोरोना।
कलर टीवी के लिये कोर्ट में निवेदन कर रहे है।
1.5 हजार करोड़ की संपत्ति इन लोगो से वसूली गई है।
बुलडोजर अलग चले।
यह सब जनमानस देखता है।
उसका चुनाव गलत नहीं होता। बस राजनीतिज्ञ को जनमानस को पीड़ा समझनी चाहिये।
जो मोदी योगी बहुत अच्छी तरह समझते है।

सत्ता है ! और रहेगी भी।